मेरे बचपन का भारत

By: Bhupesh Vaidya

0
110
मेरे बचपन का भारत
मेरे बचपन का भारत
Put your rating for this post for encouraging the author

मेरे बचपन का भारत

मेरे बचपन का वो भारत जहाँ एक संग सब रहते थे

कोई ना झगड़ता था ऐसे सब इंसान बने रहते थे

ये दंगा और फ़साना किताबों में दिखा करते थे

गली-गली की सड़कों पर राम रहीम मिला करते थे

इफ्तार में आना जाना तब आम हुआ करता था

मज़हब की दीवारों का रोग ना हुआ करता था

भारत माँ के बेटे तब वफादार हुआ करते थे

हिंदू और मुस्लमान भी एक साथ रहा करते थे

अब गंगा और जमुना पर भी बांध बन बैठे हैं

सबके अपने-अपने अब हिंदुस्तान बन बैठे हैं

हर किसी की मौत का अब जश्न मना करता है

अपने-अपने घरों में बैठ अब धर्म रोया करता है

राखी और सलमा अब बहनें ना हुआ करती हैं

डरती हैं माएं चुपचाप हिदायत दिया करती हैं

मैं ढूंढ़ता हूँ अब भी वो दिन जो हुआ करते थे

मेरे बचपन का वो भारत जब हम संग हुआ करते थे

By: Bhupesh Vaidya

Write and Win: Participate in Creative writing Contest & International Essay Contest and win fabulous prizes.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here