पैसा ज़रूरी हैं पर पैसा सब कुछ नहीं
जबसे होश संभाला, घर में पैसों की कमी को देखा,
हमेशा माँ और पापा की इच्छाओं को दबते हुए देखा,
फिर भी उनके चेहरे पर मुस्कान थी,
हमारा साथ और प्यार ही उनकी खुशी थी।
एक दिन जब लेनदार हमारे घर पर आए,
तब समझ आया कि पापा ने मेरी पढ़ाई के लिए उधार लेकर पैसे थे चुकाए,
तब भी माँ और पापा ने कहा हम हैं ना ,
और अगले ही दिन मम्मी ने बेचे अपने पूर्वजों के गहने I
उसी दिन से मैंने था ठाना,
चाहे जो भी हो बहुत सारे पैसे हैं कमाना,
मैंने दिन रात सिर्फ पढ़ाई को ही अपना लक्ष्य बनाया,
और कुछ ही दिनों में एक बहुत बड़ी कंपनी में मुझे जॉब का ऑफर आया I
पर धीरे-धीरे पैसों की चकाचौंध ने मुझे अंधा कर दिया,
पैसे कमाने के अलावा मुझे और कुछ भी नज़र नहीं आया,
धीरे-धीरे मैं अपने माँ और पापा से दूर होता गया,
जहाँ हम पहले खाना साथ खाते थे ,
वहाँ आज हम दो बात भी नहीं कर पाते थे,
जिन्हें खुश करने के लिए मैंने पैसे कमाना शुरू किया ,
पता नहीं कब उन्हें खो दिया I
फिर मेरी शादी हुई,
एक प्यारी से बीवी और दो प्यारे बच्चे हुए,
पर मैं उन्हें भी समय नहीं दे पाया ,
न जाने कब उन्हें भी खो दिया I
एक दिन पापा ने कहा ” बेटा, अब बहुत हुआ”,
पैसों को छोड़ो और थोड़ा समय अपने परिवार को भी दो ,
पर मैं उनकी बातों को नजरअंदाज करता गया ,
नई-नई गाड़ियाँ और बड़े घर लेता गया,
मुझे लगा उनकी इच्छा को पूरी कर मैंने उन्हें खुश कर दिया,
नहीं जानता था इन्हीं इच्छाओं को पूरा करने के लिए उन्हें कितना दुखी करता गया I
एक दिन इसी दुख से माँ और पापा चल बसे,
उस दिन मुझे समझ आया मैंने क्या खो दिया
आज मेरे पास कई बंगले, गहने और कार हैं
पर न परिवार है और न किसी का प्यार है I
मैं यह नहीं कहता कि पैसा ज़रूरी नहीं ,
पर यह भी सच है कि पैसा सब कुछ नहीं ,
इसलिए याद रखो, पैसे के पीछे न भागो,
परिवार को समय दो, प्यार को महत्व दो,
पैसा सब कुछ दे सकता है, पर परिवार नहीं,
प्यार और साथ के आगे कुछ नहीं।
By: ANKITA SINGHANIA
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