श्री राम

By: Sharmila Shankar

0
36
राम
राम
Put your rating for this post for encouraging the author

श्री राम के उज्जवल पावन मन से 
प्रज्वलित हुई अच्छाई की दीपोत्सव,
लक्ष्मीजी के समुद्र से दिव्य आगमन पर हुई 
हर मन में मनमंथन की अनुभव,
विजयी होकर लौटे श्री रामजी मन के अंतर्द्वंद से, 
पुरुषोत्तम मर्यादा के सीमाएं न लांघकर,
लौटे करके समुन्दर पार, 
उनकी और लक्ष्मीजी स्वरूपा सीता माता की लीलाएं हैं सदा से अपरम्पार 
दीपावली की शुभ सन्देश लेकर आये श्री नारायण 
की मन में अच्छाई की दीप प्रज्वलित 
करें तो होगी सबकी भक्ति स्वीकार, 
फिर देर किस बात की? मनाओ दीपावली का पर्व और करो अच्छाई की जय जैकार

By: Sharmila Shankar

Write and Win: Participate in Creative writing Contest & International Essay Contest and win fabulous prizes.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here