श्री राम के उज्जवल पावन मन से
प्रज्वलित हुई अच्छाई की दीपोत्सव,
लक्ष्मीजी के समुद्र से दिव्य आगमन पर हुई
हर मन में मनमंथन की अनुभव,
विजयी होकर लौटे श्री रामजी मन के अंतर्द्वंद से,
पुरुषोत्तम मर्यादा के सीमाएं न लांघकर,
लौटे करके समुन्दर पार,
उनकी और लक्ष्मीजी स्वरूपा सीता माता की लीलाएं हैं सदा से अपरम्पार
दीपावली की शुभ सन्देश लेकर आये श्री नारायण
की मन में अच्छाई की दीप प्रज्वलित
करें तो होगी सबकी भक्ति स्वीकार,
फिर देर किस बात की? मनाओ दीपावली का पर्व और करो अच्छाई की जय जैकार
By: Sharmila Shankar
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