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आज की सच्चाई से मतलब है ,जो आज हमारे साथ घट रहा है, आज पूरे देश में महामारी फैली हुई है.और इस महामारी में उलझ कौन रहा है सरकार या फिर पैसे वाले? इस महामारी में बेकार परिस्थिति…

मीडल क्लास वालों की है और जो गरीबी रेखा में आते हैं उनकी तो हमेशा से है ही. एक मीडस क्लास इंसान की परेशानी ये सरकार नहीं समझ सकती क्योंकि ये एक ऐसी क्लास है जो न ज़्यादा अमीर है और न ही ज़्यादा गरीब पर इस समय मीडस क्लास की हालत बहुत ख़राब हो रखी है. जिनकी रोज़ की कमाई से घर चलता था जो लोग दुकानों में बैठकर अपना गुज़ारा करते थे उनकी परिस्थिति  पता हर किसी को है पर कोई कुछ बोलना नहीं चाहता. आज के समय में लोग एक दूसरे से या फिर बैंक से लोन ले रहे हैं घर चलाने के लिए और ऊपर से सरकारी स्कूलों में पूरी की पूरी फीस ली जा रही है और समझ नहीं आता क्यों? क्योंकि ऑनलाइन क्लास से बच्चे को कुछ तो समझ आता नहीं तो फ़ालतू में फीस भाराई जारी है और वो फीस भी ज्यादातर लोग लोन लेकर ही भर रहे हैं. कितने लोगों ने इसके चलते आत्महत्या तक कर ली पर सरकार टस से मस नहीं हुई. जो इनका काम है देश में हो रही परेशानियों का हल निकलना वो तो ये देख कर भी अनदेखा कर रहे क्योंकि अब ये कुछ करना ही नहीं चाहते जो असली सच है उसको झुपाने का पूरा पूरा काम करते हैं और हम लोगों की ऑखों मे धुल झोंकते है और हम कुछ करने को भी तैयार नहीं है. आज हमारे देश की जो  परिस्थिति है ये हमारी  वजह से ही है ,क्योंकि जो सरकार करती है हम उसको बिना परखे अपना लेते हैं और उनको क्या है उनको देश के दिखावे से मतलब है असली जो सच्चाई उससे इन्हें क्या हम लोग हर बार इन्हें जीता देते हैं जिससे ये सोचते हैं हम जो कर रहे हैं वो सही है .और हम बोलते क्यों नहीं ?क्योंकि जो सब हो रहा है उससे हमारा कुछ नुकसान नहीं हो रहा है फिर चाहे दूसरे की जान तक  चली जाए. अगर इस समय हमारे बापूं गांधी ज़िंदा होते तो क्या वो चुप रहते है ,आज लोगों की जो हालत है उसको सही करने के लिए क्या बापू गांधी कुछ नहीं करते. ये जो समाज की बेकार हालत हो रखी है वो उसको सुधारने की कोशिश नहीं करते क्या. आज पता नहीं कितने लोग भूखे होगें कितने लोगों ने आत्महत्या  कर ली होगी क्या इनके बारे में गांधी जी भी सरकार की तरह चुप रहते? 

और  जिसको कोरोना हो रहा है न उसका इलाज ये देख कर होता है कि ये पैसे भर पाएगा या नहीं मतलब सीधी सी बात है जो अमीर है अगर उसको कोरोना होता है तो भई हर कोई उसको ठीक करने में 

लग जाएगा और अगर दूसरी तरफ कोई गरीब हो उसकी अच्छे से जॉच क्या उसको सीधा बोल दिया जाता है घर में जाकर आराम करो और ये सब असल में हो रहा है, और ये किसी बड़े अमीर इंसान के साथ नहीं हो रहा ये सिर्फ हम जैसे मीडल क्लास और जिनके पास पैसे बिल्कुल नहीं है उनके साथ हो रहा है. इस देश में गरीब उसे माना जाता है जिसके पास पैसे न हो और अमीर माना जाता है जो पैसों से लदा पड़ा हो. किसी के अंदर कितनी अच्छाई है उससे हमें क्या हमारी ऑखें तो अमीर उसी को मानती है जिसके पास पैसा हो. और अब यकीन नहीं हो रहा की गांधी जी ने हमको आज़ादी दिलाई थी क्योंकि अभी जो देश में चल रहा है वो गलत है और फिर भी हम सब चुप है . जिस देश की आज़ादी के लिए हमारे गांधी जी ने अपनी जान की क़ुरबानी करी थी आज वो ही देश फिर से अपनी सीमित सोच का गुलाम बन गाया. 

पर आज़ादी सोच से भी मिलेगी क्योंकि हम वो लोग है जो जिंद पे आ जाए तो बस करके ही दिखाते है. और फिर हम तो सच्चाई के साथ है तो इस बार भी हम ही जीतेगें और जीतने के लिए फिर से और इस बार हमेशा के लिए हमको एकजुट होना होगा… 

जय हिंद 

By Bhumika Joshi 

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