समाज सुधारक बाबा साहब ,तुम्हें कोटि – कोटि प्रणाम ।
जबतक सूरज – चांद रहेगा ,अमर तुम्हारा नाम ।।
ऊंच-नीच का किया खात्मा , रचकर के संविधान ।
सिखा गया जीवन जीने का,
खत्म किया व्यवधान ।।
एकता के सूत्र में बांधा ,नर- नारी को दिए अधिकार ।
भेदभाव सब किए दूर , फिर लगे
समझने इक परिवार ।।
सबसे शिक्षित व्यक्ति से , बाबा खूब हुआ सर नाम ।
जबतक सूरज – चांद रहेगा , अमर तुम्हारा नाम ।।
संघर्षों से भरा जीवन था , जातिगत का किया सामना ।
बनकर भाग्य विधाता बाबा , समानता की थी भरी भावना ।।
जातिवाद से लेकर लोहा , सबके सपने किए साकार ।
गरीब-निर्बल के बने मसीहा , बने सभी के गले के हार ।।
शोषित हों या पिछड़े बाबा , मूलमंत्र था काम ।
जबतक सूरज – चांद रहेगा , अमर तुम्हारा नाम ।।
कष्ट सहे फिर पाया तुमने , शिक्षा का अधिकार ।
छुआछूत पर किया वार , खुद कायल थी सरकार ।।
64 विषय के बने मास्टर , रखते 9 भाषा का ज्ञान ।
32 डिग्रियां लेकर बाबा , खूब बढ़ाया देश का मान ।।
21 वर्ष तक धर्म पढे , दिया बौद्ध धर्म में ध्यान ।
जबतक सूरज – चांद रहेगा अमर तुम्हारा नाम ।।
सबसे ज्यादा प्रतिमा आपकी , कार्ल मार्क्स के साथ ।
‘ अशोक चक्र ‘ था चयन आपका , सब जगह बढ़ाया हाथ ।।
जितने गाने लिखे आप पर , पुस्तक की भरमार ।
बुद्ध की आंखें खुली दिखाकर , पेंटिंग की साकार ।।
भारत – रत्न की मिली उपाधि , अनुपम तेरा काम ।
जबतक सूरज- चांद रहेगा ,अमर तुम्हारा नाम ।।
By: Dr. RAMA NAND YADAV
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