मन – दुख और सुख का कारण न तो यह शरीर, न आत्मा, न देवता, न ग्रह,...
विचार
सन्नाटे का साथी मैं आलोक, आज एक प्रतिष्ठित कंपनी में बहुत बड़े पद पर हूं पर मेरे...
प्रिये!आज मैं सबसे ज्यादा तुम्हें मिस कर रहा हूं बहुत मिस कर रहा हूं !बहुत…… हर ख्याल हर...
आज मैं तुम्हें लिखने बैठा हूं हां!आज मैं तुम्हें ही लिखने बैठा हूं, मैं लिखना चाहता हूं...