संघर्ष की मुस्कान

By: KISHALAY RAJ

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संघर्ष
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संघर्ष की मुस्कान

हर सुबह एक नई जंग है,
ख्वाबों की दौड़, उमंग है।
किताबों के पन्नों में खोए,
अपने सपनों को पाने को रोए।

नजरें उठती आसमान तक,
पर बोझ झुकाता कंधों तक।
कभी नंबरों की होड़ है भारी,
कभी अपनों की उम्मीदें सारी।

समय का पहिया रुकता नहीं,
मन की उलझनें सुलझती नहीं।
दोस्तों की हंसी में छुपा दर्द,
भविष्य की चिंता करती गर्द।

पर संघर्ष ही पहचान है अपनी,
गिर कर उठने की जान है अपनी।
हर हार एक सबक सिखाती,
हर ठोकर राह दिखाती।

देर सही, लेकिन सुबह आएगी,
मेहनत की रोशनी जगमगाएगी।
वो ख्वाब जो आँखों में पलते हैं,
कभी तो हकीकत में ढलते हैं।

तो चल, चलते हैं बिना रुके,
इस सफर में हर दुख झुके।
संघर्ष ही साथी है, संघर्ष ही गीत,
इससे बनेगा तेरा जीवन अतीत।

By: KISHALAY RAJ

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