मंजिल ख्वाबों का मंजर अभी दूर था,शायद किस्मत के लकीरों में थोड़ा और परिश्रम लिखा था |...
प्रेरणा
हिम्मत किस्मत आज़माने की कोई सीमा नहीं होती,परिश्रम करने की कोई हद नहीं होती। अगर हम हिम्मत ...
द्रौपदी की चीर फिर से खिंच रही है, हर शहर, हर गली में चीत्कार हो रही है। ...
आत्म – नियंत्रण वास्तव में नैतिक जीवन जीने के लिए आत्म-नियंत्रण अनिवार्य है। आत्मसंयम के बिना नैतिकता...
जिंदगी का मज़ा By: Divisha Aggarwal Write and Win: Participate in Creative writing Contest & International Essay Contest and win fabulous prizes.
सारे जहां से अच्छा आपके आशीष से माता युग सत्या हो द्वापर कलियुग या त्रेता आपके पुत्रियां...
तुम प्रेरणा हो मेरी तुम प्रेरणा हो मेरी, तुम साधना हो मेरी, सामने हो मगर तुम कल्पना...
संघर्ष की मुस्कान हर सुबह एक नई जंग है,ख्वाबों की दौड़, उमंग है।किताबों के पन्नों में खोए,अपने सपनों...
पैसा ज़रूरी हैं पर पैसा सब कुछ नहीं जबसे होश संभाला, घर में पैसों की कमी को देखा, हमेशा माँ और पापा की इच्छाओं को दबते हुए देखा, फिर भी उनके चेहरे पर मुस्कान थी, हमारा साथ और प्यार ही उनकी खुशी थी। एक दिन जब लेनदार हमारे घर पर आए, तब समझ आया कि पापा ने मेरी पढ़ाई के लिए उधार लेकर पैसे थे चुकाए, तब भी माँ और पापा ने कहा हम हैं ना , और अगले ही दिन मम्मी ने बेचे अपने पूर्वजों के गहने I उसी दिन से मैंने था ठाना, चाहे जो भी हो बहुत सारे पैसे हैं कमाना, मैंने दिन रात सिर्फ पढ़ाई को ही अपना लक्ष्य बनाया, और कुछ ही दिनों में एक बहुत बड़ी कंपनी में मुझे जॉब का ऑफर आया I पर धीरे-धीरे पैसों की चकाचौंध ने मुझे अंधा कर दिया, पैसे कमाने के अलावा मुझे और कुछ भी नज़र नहीं आया,...