हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है और दुनियाभर में भारतीय दूतावासों में विश्व हिंदी दिवस पर एक तरह से त्योहार जैसा माहौल रहता है। इन दौरान कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण भले ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में कमी आ गई है, लेकिन कई वर्चुअल कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं, जिसमें दुनियाभर से कई हिंदी प्रेमी लोग हिस्सा ले रहे हैं। यदि आप भी किसी हिंदी दिवस से संबंधित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं या लेना चाहते हैं तो हिंदी दिवस पर कुछ बोलने या निबंध तैयार करने में कोई परेशानी आ रही है तो ये कुछ जरूरी टिप्स आपके काम आ सकते हैं। इन टिप्स की मदद से आप हिंदी दिवस पर अच्छा निबंध या स्पीच तैयार कर सकते हैं – सबसे पहले अपने निबंध में भूमिका को अच्छे से तैयार करें। इसमें हिंदी के बारे में बताएं कि हिंदी का इतिहास क्या है, हिंदी दिवस की शुरुआत कैसे हुई और इसका महत्व क्या है। भूमिका में तथ्यात्मक जानकारी का भरपूर प्रयास करें। अपनी भाषा को सरल व संवादयुक्त रखने का प्रयास करें। हिंदी के ज्यादा कठिन शब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
– अपने निबंध में प्रस्तावना के बाद निबंध का विषय बिंदु पर विस्तार से बताएं। विश्व हिंदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, और इसका महत्व क्या है। एक एक बिंदु पर विस्तार से जानकारी देते हुए कुछ प्रेरक प्रसंग भी जोड़ सकते हैं, जिससे आपकी स्पीच सुनने में लोगों को पसंद आएगी।
– वर्तमान परिवेश में हिंदी भाषा की स्थिति के बारे में अपना तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं, जबकि इसमें क्या बदलाव संभव हैं। वर्तमान में हिंदी की क्या स्थिति है और उसकी स्थिति में सुधार के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं। हिंदी भाषा अच्छे रोजगार का साधन कैसे बन सकती है इसके बारे में जानकारी दी जा सकती है। साथ ही कुछ ऐसे उदाहरण खोजने के कोशिश करें जिन लोगों ने हिंदी के जरिए अपना करियर बनाया और अच्छे मुकाम पर पहुंचे हैं। इन उदाहरणों से आपका निबंध तथ्यात्मक बनेगा और लोगों को प्रभावी भी लगेगा।
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के विचार को मंजूरी दी गई। हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाएं औपचारिक रूप से इस्तेमाल हुईं। 1949 में भारत की संविधान सभा ने देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। वर्ष 1949 से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी दिवस का महत्व
हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई। यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहे और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे।
यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरक़रार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है।
आज के समय में अंग्रेजी की ओर एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है।
निष्कर्ष
जहाँ अंग्रेजी एक विश्वव्यापी भाषा है और इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है वहीँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए। आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने से साबित होता है कि सत्ता में रहने वाले लोग अपनी जड़ों को पहचानते हैं और चाहते हैं कि लोगों द्वारा हिंदी को भी महत्व दिया जाए।
By Tanisha Sethi, Gurugram