मुंबई लोकल में एक यात्री की जेब कट जाती है. अपनी व्यथा, जब वह विभिन्न सहयात्री और...
'मन ओ मौसुमी'
''मन ओ मौसुमी', यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए, भावनाओं को व्यक्त करने और अनुभव करने का एक मंच है। जहाँ तक यह, अन्य भावनाओं को नुकसान नहीं पहुँचा रहा है, इस मंच में योगदान देने के लिए सभी का स्वागत है। आइए "शब्द" साझा करके दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाएं।हम उन सभी का स्वागत करते हैं जो लिखना, पढ़ना पसंद करते हैं।
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तेज रफ़्तार भाग रही गाड़ी सड़क पार करती हुई एक चूहे को कुचल गई. चुहेराम की घटनास्थल...
साधो! मुझे गणतंत्र दिवस की जरा भी प्रतीक्षा नही रहती. यद्यपि छात्र जीवन में बेहद उत्सुकता रहती...
सेठ दीनानाथ की हवेली में काम करते हुए रामू की पूरी जिंदगी बीत गई किंतु कर्ज का...
मुझे अत्यंत फक्र है कि मेरा जन्म उस धरती, उस मिट्टी में हुआ है जहां राम, कृष्ण,...
मई का महीना शुरू होने को था। आज से बंटी के स्कूल की छुट्टी भी हो गई...
पहला दिन पाठशाला का आज मेरे बेटे का पहला दिन था पाठशाला का। पहले ही दिन स्कूलबैग...
कैद थी अपनी जिम्मेदारियों से,जब संभलना चाह खुद को नीचे पायाइन समाज के बीमारियों से,बहुत गिन चुकी...
खुद की न कुछ बिसात हो तो बात है,वो दिन को कहे रात हो तो रात है।।...
अबकी बरसात में हम,कुछ ऐसे भीग गये,लवरेज हुऐ प्रेम से,और द्वैत,द्वेष रीत गये।। तन भींगा,मन भीगा,अंतरतम सीज...