हे मातृभूमि!, हे भारतवर्ष!, हे आर्यावर्त! मैं तुम्हारी पावन भूमि को ह्रदय की अतल गहराईयों...
'मन ओ मौसुमी'
''मन ओ मौसुमी', यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए, भावनाओं को व्यक्त करने और अनुभव करने का एक मंच है। जहाँ तक यह, अन्य भावनाओं को नुकसान नहीं पहुँचा रहा है, इस मंच में योगदान देने के लिए सभी का स्वागत है। आइए "शब्द" साझा करके दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाएं।हम उन सभी का स्वागत करते हैं जो लिखना, पढ़ना पसंद करते हैं।
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पुत्र- माँ भारती यह मुझे बता दे, है कौन पूत तुझे सबसे प्यारा? कोटि-कोटि इन सुवनों में,...
टी वी पर कलर्स चैनल द्वारा प्रसारित किया जाने वाला शो ‘बालिका वधू’ अब तक का अत्यधिक...
मेरे कान्हा वृंदावन में रहना…….कभी-कभी राधा से मिलने बरसाने आ जानाराधा तुम बिन रह ना पाये जानो...
फिर आग लगी है सिने में फिर याद कोई आया है, बरसो से बंद दरवाजे पे दस्तक...
मेरी हालत कुछ इस तरह की रही रात भी मेरी दिन जैसी ही रही! बस तसव्वूर मे...
भारत जैसे महान देश की गोद में जन्म लेकर मेरा जीवन सोभागयपूर्ण हो गया है । विश्व...
मानव के सामाजिक प्राणी होने के कारण, वह दुनिया का प्रत्येक काम स्वयं नहीं कर सकता है....
माँ, हर प्राणी की जननी है , इस सर्ष्ठी को जीवन प्रदान करने वाली देवी है माता...
‘ प्रेरणा’- यह वह शब्द है जिसे सुनकर हमारे मस्तिष्क में यही बात आती है कि- एक...