सुलझी सी तो दिखती हैं,
पर अंदर ही अंदर एक बहस हैं।
चेहरे पे तो हस्य हैं,
पर वो एक रहस्य हैं।
वैसे तो स्त्रियाँ रहस्य हि होती हैं उनको समझ पाना मुश्किल होता है। आज हम वैसे ही एक स्त्री के रहस्यमय चित्र के बारे में जानेंगे, जिसने दुनिया भर के कलाप्रेमियो को मोहित किया है। जी हाँ मोनालिसा!
मोनालिसा का चित्र एक महान इटालियान चित्रकार लियो नार्दो द विन्ची 1503 मैं बनाना शुरू किया था। लियो नार्दो द विन्ची एक महान चित्रकार होने के साथ साथ एक प्रसिद्ध लेखक और आर्टिस्ट भी थे। लियो नार्दो द विन्ची ने 1503 से 1517 तक यह चित्र बनाने में लगा दिये। मोनालिसा का चित्र एक वुडन् पैनल पे ओइलपेंट से बनवाया गया है, उसका आकर 30 बाय 21 इंच हैं, और वजन औसतन 80 किलो हैं।आज की तारीख मै यह चित्र परिस् के लौर्वे मुसेउम् मे रखा गया है।
मोनालिसा के रोचक तथ्य:
वैसे तो या चित्र दुनिया के सबसे अदभुत और सुंदर कलकृति मे से एक हैं, और मोनालिसा का इटालियन मे मतलब होता है माय लेडी। मोनालिसा के चित्र को बनाने में लियो नार्दो द विन्ची ने बहुत सूक्ष्म ब्रश का इस्तमाल किया था और यह चित्र करिबन 30 लीयर से बना हुआ है। कुछ लेयर तो अपने बल से भी जादा नाजुक है और जिन्हें संशोधको ने उल्ट्रा वॉलेट लाइट के नीचे जांच पड़ताल करके देखा गया है।
मोनालिसा के चित्र की कीमत 1962 मे 100 मिलियन डॉलर थी,मतलब 2020 मै इसकी कीमत 750 मिलियन डॉलर होती, लेकिन वैद्यनिकों ने कहा की यह खरीदी या बेची जाने वाली चीज नही है, यह एक अमूल्य वारसा है और जिसका हम सब ने संवर्धन करना है। कहते है कि यह चित्र नेपोलियन बोनापार्ट को इतना पसंद आया था की कुछ समय के लिए उसने मोनालिसा का चित्र उसके शयन कक्ष में लगवाया गया था।
अदभुत अविश्वसनीय मोनालिसा:
मोनालिसा कौन थी? इस प्रश्न से सब शुरू होता है, हालाँकि बहुत सारी डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल करने के बाद भी मोनालिसा असल में कौन थी इसके पुक्ते सबूत नहीं मिल पाए। मोनालिसा लियो नार्दो द विन्ची की कल्पना थी ऐसा भी कहा जाता है, और ऐसा भी कहा जाता है, की मोनालिसा का चित्र फ्लोरेंन के रेशम के व्यापारी की पत्नी लिसा गेर्डोनि का चित्र है, जिसे उसके पति ने उसके माँ बनने खुशखबरी मै विन्ची को बनवाने को कहा था। लेकिन उस चित्र के पैमेंट के दस्तावेज नहीं मिले। इसलिए यह पूरी तरह से सच है ऐसा सिद्ध नहीं होता।
मोनालिसा की हँसी मैं भी बहुत सारे राज है। उसकी हँसी बदलती रहती हैं। पहली बार देखने पर यह हँसती हुई और खुश दिखाई देती हैं और थोड़ी देर के बाद उसकी हसी फीकी लगती हैं।मनोवैद्यनिकमनोवैद्यनि कहते है, की जैसे हम सोचते है वैसे हमे उसकी हँसी लगती है। मोनालिसा की आँखों में भी रहस्य है।कलाप्रेमी जब मुसेउम् को भेट देते है और मोनालिसा को रखे गए कमरे में प्रवेश करते है तो उनका कहना है कि ऐसा लगता है मोनालिसा उनको ही देख रही हैं। मोनालिसा के चित्र में कुछ अक्षरों में लिखा गया है, “la Risposta si trava qui ”इसका हिंदी में मतलब है “उत्तर यहा है”। पर कुछ संशोधकों का मानना है की यह संयोग भी हो सकता है। एक डुप्लिकेट मोनालिसा का चित्र फ्रांसिस्को मेल्झि ने बनाया था, वो लियो नार्दो द विन्ची के विद्यार्थीविद्यार्थी थे। यह चित्र स्पेन के परादो मुसेउम् मे रखा गया है।1514-1516 मै मोनालिसा का एक न्यूड व्हार्जंन भी बनाया गया है जो परिस् के काँन्डे मुसेउम् मे रखा गया है।23 जून 1852 मे लुस मास्पेरो नामक व्यक्ती ने मोनालिसा के प्यार में आत्महत्या की थी, और ये उसने लिखे हुए खत में पाया गया।
मोनालिसा की सुरक्षितता:
मोनालिसा को हानि पोहोचाने के और चोरी करने के बहुत सारे प्रयास हुए है। 21 अगस्त 1911 को मोनालिसा को चुराया गया था, यह चोरी विंसेजो पेरुगिया नाम के इटालियन व्यक्ति ने की थी, जो परिस् के मुसेउम् मे काम करता था।उसका मानना था कि मोनालिसा इटली की सम्पति है और उसे इटली में होना चाहिये। एक बार मोनालिसा के चित्र को चोरने का आरोप पाब्लो पिकासो जो 21 वी सदी के महान चित्रकार थे, बाद में वो निर्दोष साबित हुए।1959 मे एक यात्री ने मोनालिसा के चित्र पर पत्थर फेंका था, और एक रूसन औरत ने लाल रंग फेका था, मोनालिसा के चित्र पर एसिड अटैक भी हुआ था, लेकिन सभी मामलो मे मोनालिसा का चित्र सुरक्षित रहा, अब मोनालिसा को बुलेट् प्रूफ काँच के पीछे रखा गया है। क्या हम इसका यह मतलब निकाल सकते है,कि एक स्त्री ना असल जिंदगी में सुरक्षित है और नाही एक चित्र में?
नाम: अंजली रघुवीर शिंदे, सोलापुर