माँ की गोद

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माँ की गोद जैसे है बिछौना मेरा,

जिसमें है परियों का डेरा,

माँ की थपकी से आती नींद,

मुझे सुलाकर जाती नींद,

माँ का आंचल है ठंडी बयार,

जिसमे चमकें तारे हज़ार,

माँ की बिंदिया जैसे सूरज की लाली,

जो लगती दुनिया से प्यारी.

रचयिता:रुचिका शर्मा

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