अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस हर वर्ष 1 मई को मनाया जाता है इसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है । इसकी शुरुआत वर्ष 1886 मे अमेरिका से हुई । वहाँ श्रमिको के काम करने के घंटों मे कटौती हो, इसके कारण हड़ताल हुई थी जिसमें 7 श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । इसी के कारण तब से ही श्रमिकों के काम करने के घंटों मे कमी करके 8 घंटे एक दिन के लिए सुनिश्चित कर दिया गया । भारत मे भी इसकी शुरुआत 1926 मे मद्रास से हुई थी । मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला लिया था कि श्रमिकों के काम करने के घण्टे सुनिश्चित हो तब से ही श्रमिकों के श्रम का समय 8 घण्टे निश्चित है । आज पूरे देश मे 1 मई को श्रमिक दिवस के रूप मे मनाया जाता है।
आज सम्पूर्ण विश्व मे अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता हैं। बहुत सारे देशों मे सितंबर महीने मे भी श्रम दिवस मनाया जाता है । श्रमिकों को प्रोत्साहित करने, उनके महत्व को बताने के लिए, उनके स्वास्थ्य के लिए श्रमिक दिवस मनाया जाना चाहिए । सम्पूर्ण विश्व के लोगो का यह अधिकार है कि उनके महत्व को समझा जाए और उनके काम की सराहना की जाए । उन्हें यह अहसास दिलाया जाए कि इस देश के विकास मे और लोगों की भलाई करने मे उसका कितना महत्वपूर्ण योगदान है । इससे आगे चलकर लोगों मे काम को करने की अलग ही ऊर्जा का निर्माण होता है ।
महात्मा गांधी जी ने कहा था – किसी भी देश के विकास के लिए उस देश के किसान और श्रमिकों का विशेष योगदान होता है । श्रमिकों को जब इस तरह का प्रोत्साहन दिया जाता है तो वह अपने कार्य क्षेत्र मे पूर्ण लगन से कार्य करते हैं । देश को विकसित राष्ट्र बनाने मे अपनी भूमिका निभाते हैं । श्रमिकों को जब 1 दिन मे 8 घंटे कार्य कराया जाता है तो वह उनके परिवार, स्वास्थ्य, देश सभी के लिए महत्वपूर्ण है । जिस देश के कामगार लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होता है वह देश निश्चित ही खुशहाल देश होगा ।
आज के इस युग मे श्रमिक वर्ग को समाज मे नीचा समझा जाता है । श्रमिकों के काम को प्रोत्साहित करने की बजाए उसे और कम दामों मे काम कराया जाता है । श्रमिकों द्वारा किये जाने वाले काम की जगह आज मशीनों ने ले ली है । जिससे श्रमिकों की मांग निरंतर घटती जा रही है । हमें लोगों को जागरूक करने की सख्त आवश्यकता है जिससे लोगों का मजदूरों को देखने का नजरिया बदल सके । आज काम करने वाला हर व्यक्ति कामगार ही है । अतः श्रमिकों के महत्व को बताने और श्रमिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऐसे दिवस मनाने का काम सराहनीय है ।
हर श्रमिक का एक परिवार होता है जिसके लिए वो काम करता है । वह अपने स्वास्थ्य की चिंता किये बिना ही किसी भी प्रकार का कार्य करने के लिए तैयार हो जाता हैं । उसका भी अपने परिवार को लेकर कई सपने होते है । वह भी अपने परिवार को सभी प्रकार की सुविधाएं देना चाहता है । वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता है जिससे आगे चलकर उसके बच्चों को यही कार्य ना करना पड़े । इन हालातों मे यदि श्रमिक को उसके कार्य के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है तो वह निश्चय ही अद्धभुत है ।
हमें भी कभी कोई कामगार दिखाई देने पर उसे नीची नजरों से नहीं देखना चाहिए । उससे अच्छे से व्यवहार करना चाहिए ।
मजदूर दिवस मनाने का कारण यही है कि
लोगों द्वारा उनके किए कार्य को सराया जाए ।
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाने का कारण यही है कि इस दिन श्रमिक व श्रमिक वर्ग के योगदान को याद किया जाए । देश मे बनने वाली सभी प्रसिद्ध इमारतें, मंदिर, उपयोग के लिए वस्तुएँ आदि का कार्य श्रमिकों के द्वारा ही किया जाता है । हमें वर्ष के किसी एक दिन उनके द्वारा किए कार्य को याद करना चाहिए । इससे उन्हें भी अच्छा महसूस होता है हम हमारे इस छोटे से प्रयास से श्रमिक वर्ग के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं ।
भारत सरकार द्वारा श्रमिकों को प्रोत्साहन देने, उनके जीवन को अच्छा बनाने, उनके कार्य की सराहना हेतु अनेक कार्यक्रम भी कराए जाते हैं । इसी प्रकार सम्पूर्ण विश्व मे भी इसी प्रकार के कार्य किये जाते हैं । श्रमिकों के जीवन की कठिनाई को दूर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की स्थापना की गई है । भारतीय संविधान मे श्रमिकों के हित के लिए अनेक कानून भी बनाए हुए हैं । देश के प्रत्येक व्यक्ति को संगठन बनाने का अधिकार है । जिससे वह अपने पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सकता है । सरकार द्वारा कामगार के लिए काम का समय भी निर्धारित किया गया है, जिससे श्रमिक अपने परिवार के साथ समय बिता सकता है ।
अतः पूरे विश्वभर मे श्रमिकों के लिए कार्य किये जा रहे हैं । हमे भी अपने स्तर पर कार्य किये जाने चाहिये । हमें अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए ।
विशाल व्यास, भीलवाड़ा, राजस्थान