December 5, 2025

'मन ओ मौसुमी'

''मन ओ मौसुमी', यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए, भावनाओं को व्यक्त करने और अनुभव करने का एक मंच है। जहाँ तक यह, अन्य भावनाओं को नुकसान नहीं पहुँचा रहा है, इस मंच में योगदान देने के लिए सभी का स्वागत है। आइए "शब्द" साझा करके दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाएं।हम उन सभी का स्वागत करते हैं जो लिखना, पढ़ना पसंद करते हैं। हमें सम्पर्क करें monomousumi@gmail.com या कॉल / व्हाट्सएप करे 9869807603 पे
(यहकविताउसअजन्मीबच्चीकीहै, जोअपनीमांकेद्वारा, उसेजन्मनादेनेकेउसकठोरनिर्णयपरप्रश्नकरतीहै, औरअपनेजन्मलेनेकेकईनिस्वार्थकारणउसकेहृदयकोबतातेहुएकहतीहै, कि……) मां, मुझे जन्म लेने तो दो, क्यों मां, मुझे जन्म लेने नहीं...
आजीवन व्यक्ति कुछ न कुछ सीखता रहता है. किसी विद्वान के द्वारा जीवन को निम्नानुसार परिभाषित किया...