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उफ! आशिकों कि व्यर्थ झगड़ो से लेकर, राजनेताओं के लफरों तक,
सबने ले ली रफतार इस साल, पर इसी बीच हम मिडिल क्लास और बाकी दुनिया वालों का हो रहा है काफी बुरा हाल।
हर घर में सोशल डिस्टन्सिंग की वजह से डिप्रेशनऔर मानसिक अशांति ही छाई है,
क्योंकि अचानक वुहान से यह कोविड वाइरसजो उर उर के घर बसाने आई है।
और ऐसा लगता है मानो हमारे पीछे हर वक़्त इसी की बुरी परछाइ है।
हँसते गाते दो हज़ार उन्नीस को किया अलविदा और दो हज़ार बीस को स्वागत कर रहे थे,
अब किसको ही पता था उसकी कंपनी देने खुद लॉकडाउन चल के हमारी ओर आ रहे थे।
अब इस साल बिना मास्क सैर किया तो पुलिस का डंडा पक्का है ,
बाहर निकलना, घुमना, दोस्तों से मिलना इन सारी आदतों में अब काफी लम्बी शट-डाउन का धब्बा है।
इस साल रिश्तों के रंग कुछ ऐसे लग रहे हैं, सवरने वाले हाथों से सरक गये, बिछड़ने वाले अच्छी तरह बस गए।
अरे कुछ अपने तो सांप बनके डंस गये और जो अनजान थे आ के खुशियां बरसा गये ।
इस साल मौत की आसमान छूती rate देखकर लोगों का जान गवाने से हो गया डर कम,
सुशांत के आत्महत्या का मामला का ना उतरा जनता और कंगना के दिल और दिमाग से गम।
कहीं राफेल आने कि खुशी, तो कहीं आज की पीढ़ी को पबजी और टिक टोक बैन का गम है, की तभी आईपीएल होगी या नहीं इसकी बहस पे दिलचस्पी हर पल है,
पर अंत में पूरी दुनिया को जल्दी ही टीका मिलेगी इस बात की उम्मीद में पुरा दम है ।
जो भी हो बुरा समय ही तो हैं बीत जायगा,
भगवान पर एक वादा करें!
ऐसा नौबत और देखने का मौका कभी ना आएगा |

By MOUSUMI SEN

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