भगवान के नाम खुला पत्र….

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परम आदरणीय श्री विष्णु भगवान जी,
बैकुंठधाम, देवलोक ।

षाष्ठांग प्रणाम ।

विषय : तकनिकी के विकास की वजह से पृथ्वीलोक वासियों को आ रही समस्या और उसके समाधान के संदर्भ मे  ।

मान्यवर,

जैसा की आपको विदित होगा, पृथ्वीलोक पर तकनिकी का काफी विकास हो चूका है । प्रभु, तकनिकी के इस विकास की वजह से पृथ्वी वासियों को हो रही तमाम कठिनाइयों की तरफ आपका ध्यान इस पत्र के माध्यम से आकर्षित करना चाहते हैं।

प्रभु, आपको पता होगा तकनिकी के इस दौर में विभिन्न प्रकार के संपर्क साधन जैसे की फेसबुक, व्हाट्स ऐप, ट्वीटर, यू ट्यूब, मोबाइल ऐप्स इत्यादि का प्रचलन पृथ्वीलोक पर पिछले कुछ समय से अत्यधिक बढ़ गया है | पृथ्वी वासियों के लिए आज यही सब माध्यम एक दुसरे से संपर्क का प्रमुख साधन बन गए है, ऐसे में पृथ्वी वासियों को कई नयी प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है | छोटे से छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सामाजिक नेटवर्क के इस मकड़ जाल में पूर्णतया उलझ चुके है | सोशियल नेटवर्क पर नहीं होने वाले को समाज में बैकवर्ड के नज़रिये से देखा जाता है | इसी वजह से आज अधिकतम परिवार इस से जुड़ चुके है ।

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महोदय, समस्या यही से शुरू होती है | पहले व्हाट्सएप्प का उदाहरण लेती हूँ | वाट्सएप पर हर आदमी कई सारे मित्रो, सम्बन्धियों व ग्रूपस से जुड़ा हुआ है, जिसमे प्रतिदिन सैकड़ों मैसेज आते है | जिसमे काफी ज्ञानवर्धक व जानकारी से भरे सन्देश व वीडियोस होते है | कई अतिउत्साहित व बुद्धिमान मित्र गुड मॉर्निंग व् पुराने संदेशों को भी कई कई बार प्रेमवश फॉरवर्ड करते रहते है | जिनको देखने, पढ़ने व प्रत्युत्तर करने का हम सब पृथ्वीवासीयों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करना पड़ रहा है | प्रभु, ईसके अलावा भी हमारे मित्रलोग फेसबुक पर पल पल का फोटोग्राफ अपलोड कर अपने सक्रिय होने व खुश होने का प्रमाण प्रस्तुत करते रहते हैं  जिसे सभी मित्र लोगों को नैतिकता वश लाइक करना नितांत आवश्यक हो जाता है | अगर लाइक नहीं किया तो संबंधों में कटुता के कई किस्से प्रकाश में आये है | अगर कोई इन सोशियल साइट्स पर रेगुलर विजिट नहीं करता तो उसे पिछड़ा समझ सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ सकता है | ऐसे में हम सभी प्रतिवासियों के लिए इन साइट्स पर रोज़ाना जाना नितांत आवश्यक हो गया है । 

प्रभु, ईसके अलावा भी अपने आप को अद्यतन रखने के लिए व समाज में बुद्धिजीवी साबित करने के लिए हमें नियमित रूप से यूट्यूब, फेसबुक व ट्विटर पर जाना व कोई भी ऊल-जलूल विषय जिससे हमारा दूर दूर तक कोई वास्ता भी नहीं हो,पर भी हमारी टिपण्णी करना भी ज़रूरी हो गया है | स्मार्टफोन के होते 50/100 मोबाइल ऐप अगर मोबाइल में नहीं हो तो हमें मित्रों के उपहास, हीनभावना व मानशिक संताप से गुजरना पड़ता है | ऐसे में हम सब पृथ्वी वासियों को समय के तीव्र अभाव की समस्या व उससे उत्पन्न पारिवारिक व सामाजिक समस्याओं से रोज़ रूबरू होना पड़ रहा है | 

प्रभु , इन सबके चलते घर में सब इतने व्यस्त हो गए है कि एक दुसरे से बात करना तो दूर कई रोज़मर्रा के काम भी प्रभावित होने लगे है | महिलाएँ घरेलु कार्यों जैसे की चुल्हा, चौका , बर्तन इत्यादि के लिए चाहते हुए भी समय नहीं निकाल पा रही | पुरुष चाहते हुये भी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन नहीं कर पा रहे | बिचारे बच्चों को तो माँ बाप से बात करने का समय ही नहीं मिल पा रहा | ऐसे में घर में किसी को किसी से बात तक करने का समय नहीं है जिससे वोकल कार्ड्स के पृथ्वी लोक से धीरे धीरे लुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है | घर ही नहीं बाहर भी हम सब जब जहाँ जैसा समय निकाल कर अपनी इस सामाजिक जिम्मेदारी को अपने मोबाइल फोन के द्वारा पूरा करने के प्रयत्न में लगे रहते है | प्रभु, आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हम किस तरह अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं को दरकिनार कर अपने व्यक्तिगत समय से समय निकाल कर अपनी इस नयी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहे है | कई बार तो हमें नहाना- धोना यहाँ तक की नित्य कर्मो को भी त्यागना पड़ता है | 

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इतना ही नहीं प्रभु, इस व्यस्तता के चलते दुर्घटनाओं की संख्या में भी काफ़ी इजाफ़ा हुआ है और हमें अकारण ही सामाजिक उपहास का पात्र बनना पड़ रहा है | प्रभु इस व्यस्तता के चलते हमें सोने के समय में भी भारी कटौती करनी पड़ रही है क्योंकि हम नहीं चाहते की हमारा कोई मित्र सोशल मीडिया पर हमारे प्रतिक्रिया का इंतज़ार करता हुआ हृदयाघात को आमंत्रण दे बैठे | ईसके चलते हमें देर रात तक जागना पड़ता है और कई बार तो सोने को भी त्यागना पड़ता है | इन सबके चलते हमारे पारिवारिक जीवन पर भी फ़र्क पड़ने लगा है | पूरी मानव जाती तनावयुक्त, बेताब व चिड़चिड़ी होती जा रही है | समाज का मानसिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है जिसकी वजह से पूरे सामाजिक ताने बाने के अस्त व्यस्त होने का खतरा मंडराने लगा है ।

इन सबके अलावा भी प्रभु, यूट्यूब पर करीब पर इतना वीडियो पड़ा है जिसको अगर हम सारा काम छोड़कर केवल देखना शुरू करें तो उसे पूरा देखने में कम से कम करीब 600 साल चाहिए | अब प्रभु आपने हमें इस लोक में भेजा है तो हमारी इतनी तो जिम्मेदारी बनती है कि इसे हम पूरा न सही कुछ तो देख कर वापस जाएँ | लेकिन प्रभु यकीन मानिये समय की सख्त कमी की वजह से हम कुछ भी नहीं कर पा रहे और सभी पृथ्वी लोक वासी मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं व संपूर्ण मानव जाति में जीवन काल के केवल 100 साल के लगभग ही होने से भयंकर नाराज़गी व रोष व्याप्त है व स्थिति विस्फोटक होती जा रही है ।

प्रभु, पृथ्वी लोक में तकनिकी के विकास के फलस्वरूप पैदा हो रही उपरोक्त तमाम विषम परिस्थितियों के मद्यनज़र हम सभी पृथ्वी वासियों की आपसे करबद्ध प्रार्थना है की …..

(I) आप देवलोक में तुरंत सभी देवताओं की एक आपातकालीन बैठक बुलाकर पृथ्वी लोक पर लंबे समय से चले आ रहे दिन रात के 24 घंटे के समय को तुरंत प्रभाव से बदलकर कम से कम 48 या 72 घंटे करने का प्रस्ताव पारित करवाये ताकि हम पृथ्वी वासियों को अपनी सोसिअल नेटवर्किंग के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को निर्वहन करने का पर्याप्त समय मिल सके ।

(II) उपरोक्त प्रस्ताव को देवलोक में पास करवाने के पश्च्यात तुरन्त भगवान श्री महेश जी व श्री ब्रह्मा जी के पास उनके अनुमोदन के लिए भिजवाया जाये ।

(III) अनुमोदन के तुरन्त बाद सौरमण्डल के सभी सदश्यों को सूचित किया जाये और पृथ्वी को अपनी धूरी पर चक्कर लगाने की गति को तुरंत प्रभाव से कम कराया जावे ।

(IV) इसके अतिरिक्त भी प्रभु हमने सुना है कि हमारे पूर्वजों की उम्र 400 साल हुआ करती थी जबकि उनके पास इस तरह का कोई काम भी नहीं था | वर्तमान परिस्थितियों के मद्यनज़र पृथ्वी वासियों की उम्र वर्तमान 100 से बढ़ाकर 400 साल करने के लिए पृथ्वी के संविधान में आवश्यक संशोधन को शीघ्र लाया जाये ( ध्यान रहे यह दिन का समय बढाने के अतिरिक्त हो ) ।
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(V) अगर वर्तमान सभ्यता में संभव हो तो मानव शरीर की संरचना में थोड़ा परिवर्तन कर आने वाली मानव जनरेशन के दो अतिरिक्त हाथ व एक अतिरिक्त सिर ( जैसा की ब्रह्मा जी के है ) कि व्यवस्था की जाये ताकि आने वाली पीढियां इनका उपयोग केवल और केवल मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने के लिए बिना अपने दिनचर्या के कामों में व्यवधान के कर सके।

हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुये उपरोक्त को तुंरत संज्ञान में लेंगे और उचित कार्यवाही हेतु आपके अधिनस्त सभी सम्बंधित देवों को आवश्यक दिशा निर्देश देंगे ताकि हम पृथ्वी लोक वासियों को कुछ राहत मिल सके ।

आपसे तुरंत कारवाही की उम्मीद में …

सादर प्रणाम ।

आपके अपने सभी पृथ्वी लोक वासी

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सुभाषिनी गुप्ता

कवि परिचय : सुभाषिनी गुप्ता ,THIRD PRIZE WINNER Quarterly Creative Writing Competition (Oct-Dec 2018), organized by www.monomousumi.com/HINDI

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