तेरे घर को आया, सवेरे सवेरे,
गजब का सुकूं था ,,, सवेरे सवेरे,
उसे आजमाना था बस इश्क मेरा
मुझे आजमाया ,,, सवेरे सवेरे,
इरादा था तुझको भुलाने का लेकिन,
तू ही याद आया ,,, सवेरे सवेरे,
मेरी जां कसम से,, परेशां था मैं तो,
तेरा खत जलाया ,,, सवेरे सवेरे।।
तेरा साथ छूटा,, तो यारों ने मेरे,
गले से लगाया ,,,, सवेरे सवेरे,
~ हर्षवर्धन
पहली पंक्ति (मतला) में सवेरे सवेरे छूट गया है,,, कृपया सुधार की जाए।
धन्यवाद
Amazing work🥰