जीवन की अभिलाषा हैं, कुछ पल तेरे संग हो,
कुछ पल ऐसे मोती से हो, जो बस मेरे संग हो,
नहीं चाहिए साथ तेरा, बस प्यार कुछ ऐसा हो,
याद करूँ मैं जब भी उसे, वो याद के जैसा हो,
खुश रहो, तुम सुखी रहो सदा, चाहे साथ कभी ना हो,
जहाँ रहूँ, जहाँ भी मैं रहूँ, बस याद में तेरी हो,
इंतजार के जैसा सुंदर तोफा ना कोई हो,
क्या रिश्ता, कुछ ज्ञान नहीं, बस प्यार, प्यार ही हो,
कल जाने के कैसा हो, बस आज के जैसा ना हो,
साथ नहीं हम आज कहीं, कल साथ कहीं तो हो,
ना कोई रस्में हैं यहाँ, ना किसमें, वादें हो,
एक सुंदर सा रिश्ता हो, जो जान से ज्यादा हो,
अलग-अलग सी इस दुनिया में, हम एक से हो,
हम ना अलग हो कहीं कभी, बस एक-दूसरे के हो,
वक्त आज ये साथ नहीं, कल साथ हमारे हो,
एक दिन तो ऐसा आए, जहाँ साथ हम भी हो,
ये सारी अभिलाषा हैं, इस जीवन की मेरे,
पूरी हुई तो सब सही, ना पूरी तो हम तेरे,
जो हुआ वो हुआ सही, जो होगा वो भी सही,
दु:ख में तुम ना रोना कभी, चाहे जो हो कभी कहीं,
अंत में बस इतना ही कहूँ, मेरी अँखियों में तुम ही रहो,
मधुबन, मधुबन, मेरे श्याम सुमन…….
दर्शन पाऊँ, तेरे भगवन
कर दो ऐसा पुलकित सा मन, जिस मन रहते तुम श्याम सुमन
आना तुम मेरे अंतर्मन, जिससे ना कोई तुम्हें देखे भगवन
मुझमें तुम यूँ मिल जाना सुमन, ऐसे मिलना, ना मैं ही रहूँ और ना ही तुम
जीवन का करम तेरे नाम सुमन, चाहे जैसा करवा लो भगवन
बस ऐसा ही हो मेरा करम, जो तेरे मन रम जाए सुमन
मीरा सी भक्ति पर पाऊँ, राधा सा प्रेम निभा जाऊँ
ऐसी भक्ति दे दो भगवन, जिसकी शक्ति में तुम रहो सुमन
बस कर दो तुम, ऐसा मेरा मन, जिस मन रहते तुम श्याम सुमन
तुझे ही देखूँ हर घड़ी भगवन, इन अंखियों में बस जाना सुमन
मेरी जीवन डोर तुम्हारे ही, हाथों में रहे सदा भगवन
जब मन की इच्छा पूछोगे तुम, तो हम तुमको ही मांगेंगे सुमन
ऐसा तुम जान लो मेरा मन, और पूछो मन इच्छा भगवन
इच्छा ना सही तो एक करम, ऐसा कर दो तुम हमारे संग
हर जन्म, मैं तेरी दासी रहूँ, तेरे ही भजन मैं गाती रहूँ
By: Divyanshi Triguna