December 15, 2025

कविता

क्यों है हम निर्दय इतने ?कैसे बन गए हम इतने निर्लज्ज ?लेते है जान बेजुबान पशु पक्षियों...
हे ईश्वर चाहिए मुझे एक राह नई, पाई है मैंने एक चाह नई. चाहती हूँ दुनिया में...