ज़िन्दगी तू क्यों इतनी परेशान है ,करती बार-बार मुझे हैरान है।न जाने कब बन गई है तू...
कविता
*मझु को तो अकेला रहने दो* क्यों दीप जलातेहो मन में, इस घर में अंधेरा रहने दो,...
अपनो को रूठते देखा है, सपनों को टूटते देखा है। नादानियत में मैंने अपने कल को झूलस्ते देखा...
हमारे पैदा होने के पहले से हमें जानती है वो हमारे कदमों की आहट को पहचानती है...
माँ की गोद जैसे है बिछौना मेरा, जिसमें है परियों का डेरा, माँ की थपकी से आती...
ना मै अबला हूँ अब ना मैं अबला थी तब । मैं हूँ अब दामिनी मै थी...
संघर्ष करोसंघर्ष करोसंघर्ष हमारीकर्म भूमि हैहमारी रणभूमि हैसंघर्ष से नहीं है घबरानासंघर्ष से हुए हैं बड़े बड़े...
बच्चों से जो डरती है जवान है जिसके भाई बूढ़ों को तो छोड़ती नहीं जितनी ओढ़े वह...
एक बार पूछा राजू ने अपने दादाजी से,की राजनेता कैसे होने चाहिए,और क्या होगा हमारे देश का...
हम सब हिन्दुस्तानी हैं, हिंदी हमारी मातृभाषा। इन्द्रधुनष सी रंग बिखेरे, मोर पंख सी सुंदर भाषा। सरल...