(यहकविताउसअजन्मीबच्चीकीहै, जोअपनीमांकेद्वारा, उसेजन्मनादेनेकेउसकठोरनिर्णयपरप्रश्नकरतीहै, औरअपनेजन्मलेनेकेकईनिस्वार्थकारणउसकेहृदयकोबतातेहुएकहतीहै, कि……)
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
क्यों मां, मुझे जन्म लेने नहीं देती,
क्यों मां, मुझे गर्भ में ही मार देती हो,
जो गलती मैंने नहीं की,उसकी सज़ा पहले ही सुना देती हो,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
तुम देखना, मेरे आने से तुम्हारे घर खुशियां आ जाएंगी,
मेरी बातों पर तो तुम्हें अनायास ही हंसी आ जाएंगी,
मेरे रोने पर तुम भी दुखी हो जाओगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
देखना, फिर तुम मेरे बिना ना रह पाओगी,
तब हर काम के लिए मुझे आवाज़ लगाओगी,
जब मैं, तुम्हारी आंखों से ओझल हो जाऊंगी तो सबसे ज़्यादा तुम्हीं घबराओगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
देखना, जब मैं रूठ जाऊंगी तो तुम मुझे मनाओगी,
बापू से मेरे लिए खिलौने मंगवाओगी,
मैं, एक दिन, सबकी लाडली बन जाऊंगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
देखना, जब एक दिन मैं सयानी हो जाऊंगी,
तो तुम्हें ही मेरी चिंता सताएगी,
फिर, जब एक दिन, मैं विदा हो जाऊंगी,
तो सबसे ज़्यादा तुम्हीं को याद आउंगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
देखना, जब मैं चली जाऊंगी ,
तो मेरी अठखेलियों को याद कर मुस्कुराओगी,
मेरे जाने के बाद भी सुख- दुख मुझसे ही बतलाओगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
देखना, एक दिन कुछ कर दिखाऊंगी,
तुम्हारा सर, गर्व से ऊंचा उठाऊंगी,
तुम्हारी हर तकलीफ़ को दूर कर, तुम्हारा घर खुशियों से महकाउंगी,
फिर हर जन्म तुम, मुझे अपनी बेटी के रूप में पाना चाहोगी,
मां, मुझे जन्म लेने तो दो,
मां बस, एक बार, मुझे जन्म लेने तो दो,
बस, एक बार मां………………………
[…] Madhavi Baghel […]