यह नहीं हो पाएगा तुझसे
यह कहकर मत रोको ना मुझे
मत कर ऐसा ,कुछ नहीं हो पाएगा तुझसे
यह कहकर मत टोको ना मुझे ।
दुनिया बड़ी है ,अब मुझे निकलने
दो ना मुझे
कुछ करके दिखाने दो ना मुझे
संसार में मेरी पहचान
बनाने दो ना मुझे।
क्यों ठकेलेते हो मुझे?
क्यों कर देते हो ,पीछे मुझे?
क्यों मरवा देते हो,मेरे सपनों को?
क्यों डराते हो ,मुझे बेटी कहकर?
हर दम बेटी को ही समाज से पीछे किया गया है
हरदम उसके सपनों को ही मारा गया है
क्या सच में बेटी होना पाप है?
By काजल साह
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Kajal ji.. Bahot prasannata hui apaki yah rachana sunkar.. 👌👌