पहुँचा दिल्ली, देखा नजारा, दिल्ली भाग रही। मुंँह पर मास्क, हाथ मे गैजेट, कुछ सहमे, कुछ डरे, ...
कविता
सब हिंदू या मुसलमान हैं नहीं है इंसान कोई आज है आज़ादी दिवस पर इसका तुक ना...
Poet: Rajiv Ranjan, teacher by profession and a poet by heart
कबि परिचिति: भूपेश वैदय
कबि परिचिति : शिखा गर्ग Shikha Garg, . currently , pursuing B.ed from Brijesh College Bari, Dholpur, and...
करो काम के वक्त काम तुम, फिर जीभर करना विश्राम। सदा समय का पालन करके, तुम पाओगे...
(यहकविताउसअजन्मीबच्चीकीहै, जोअपनीमांकेद्वारा, उसेजन्मनादेनेकेउसकठोरनिर्णयपरप्रश्नकरतीहै, औरअपनेजन्मलेनेकेकईनिस्वार्थकारणउसकेहृदयकोबतातेहुएकहतीहै, कि……) मां, मुझे जन्म लेने तो दो, क्यों मां, मुझे जन्म लेने नहीं...
करो काम के वक्त काम तुम, फिर जीभर करना विश्राम। सदा समय का पालन करके, तुम पाओगे...
एक बात हुआ करती थी , जब रात हुआ करती थी ।दिन जल्दी – जल्दी डालता था...
Vijayalaxmi Deshpande, who secured 3rd rank in poem competition and outstanding performance in essay writing organized by...