विश्व हिंदी दिवस

By Abhishek Kumar

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विश्व हिंदी दिवस एक विशेष दिन। 

भारत में विभिन्न विषयों पर अनेक दिवस मनाए जाते हैं हिंदी प्रेमियों और प्रत्येक हिंदी-भाषी प्रदेशों के हर एक नागरिक के लिए ये एक दिन बहुत विशेष होता  हैं।  जिस दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस ( World Hindi Day) हर 10 जनवरी को मनाया जाता है।  भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने 10 जनवरी 2006 को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस ( World Hindi Day ) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। 

इस दिन देश विदेश में हिंदी भाषा के ज्ञान का प्रचार प्रसार किया जाता है और इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है  टीवी चैनल  , रेडियो , स्कूलों , कॉलेजों और विभिन्न संस्थाओं में हिंदी संबंधी विभिन्न तरह के साहित्य सम्मेलन, नाटक रंगमंच का आयोजन होता है। कहानियां गद्य विधाएं काव्य रचनाएं उपन्यास हिंदी कविताएं और हिंदी साहित्य का इतिहास भी बताया जाता है। 

विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य:- विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिंदी भाषा का विकास करना है और लोगों में हिंदी साहित्य के प्रति लोगों में रूचि पैदा करनी है जिससे लोग हिंदी साहित्य के छुपे हुए ज्ञान से अवगत हो और अपनी हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य पर गर्व कर सकें। 
विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को विश्व भर में सम्मानजनक भाषा का दर्जा भी दिलाना है क्योंकि काफी लोग आज भी हिंदी को पिछड़ेपन की निशानी मानते है। 
आज भी स्कूलों में हिंदी मीडियम के विद्यार्थियों को कम होशियार और कम समझदार माना जाता है और इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थियों को अधिक होशियार और समझदार माना जाता है। 
इसी कारण हिंदी माध्यम के स्कूलों कहीं-कहीं तो बंद हो रहे हैं। और इंग्लिश माध्यम के स्कूलों में वृद्धि हो रही है और जहां जहां हिंदी माध्यम के स्कूल है भी वहां विद्यार्थियों की संख्या इंग्लिश माध्यम के विद्यार्थी संख्या से कम है। विद्यार्थियों में हिंदी के प्रति हीन भावना को समाप्त करना होगा। लोगों में हिंदी के प्रति जो गलत धारणा है और जो जो इस गलत प्रकार की धारणा को फैला रहे हैं उन्हें हिंदी के प्रति जागरूक करना होगा और हिंदी भाषा का और हिंदी साहित्य की विशेषताओं को बताना होगा।
हिंदी साहित्य की जो लेखक है उनके द्वारा लिखी गई कहानियों उपन्यास काव्य रचना गद्य विधाएं नाटक कविताएं लोगों तक पहुंचाना है इससे लोगों में हिंदी के प्रति रुचि हो सके और वह हिंदी भाषा को पिछड़ेपन की निशानी ना माने। हिंदी भाषा की कई विशेषताएं उनमें सबसे बड़ी विशेषता यह है कि
हिंदी भाषा जैसी पढ़ी जाती है वैसे ही लिखी भी जाती है और जैसी पढ़ी लिखी जाती है वैसे ही बोली भी जाती है और कई भाषाओं में ऐसा नहीं होता बोलने ,लिखने ,पढ़ने में अंतर होता है।

आज विश्व में कई देश ऐसे भी हैं जो केवल अपनी भाषा को ही प्राथमिकता देते हैं जैसे रूस, चीन, जापान इत्यादि ऐसे ही उदाहरण हैं इन देशों में इनकी ही भाषा में काम को महत्व दिया जाता है और यह देश अपनी भाषा पर गर्व करते हैं भारत में कुछ लोग हिंदी भाषा को पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं भारत के लोग अपनी ही भाषा को सम्मान नहीं देते। इसका मुख्य कारण अंग्रेजों का भारत पर कब्जा भी है ब्रिटिश शासन काल 150-200 साल तक रहा। अंग्रेज जहां भी गए उन्हें केवल अंग्रेजी में ही काम और संवाद किया और अंग्रेजी भाषा को ही महत्व दिया अंग्रेज हिंदी बोलने वालों को गवार समझते थे । जिन देशों में भी अंग्रेजों ने उपनिवेश बनाया वहां अपनी संस्कृति और सभ्यता के निशान छोड़ देते थे और देखते ही देखते जब से लेकर अब तक उनकी सभ्यता और संस्कृति को पूरे विश्व में अपना लिया है हिंदी भाषा आजादी से पहले भी बोली जाती थी और आज भी हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। फिर भी भारत में कुछ लोग हिंदी को कम महत्वपूर्ण समझते हैं। किसी कवि ने इसी तरह की बात को अपने शब्दों में कहा है कि ” बोल बोल कर थक गए मिला नहीं आधार हिंदी पर ही देश में होता अत्याचार”।
ऐसा हमारे देश में ना हो , ऐसी मानसिक सोच को बदलना होगा लोगों में हिंदी भाषा को लेकर जो सोच है कि हिंदी भाषा का कम महत्व है और अंग्रेजी सबसे बेहतर भाषा है ऐसा नहीं है। 

निष्कर्ष: – 

विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर मैं  यह कहना चाहता हूं कि आज हिंदी भाषा विश्व के अलग-अलग देशों तक पहुंच रही है और हिंदी भाषा को सम्मान और प्रसिद्धि मिल रही है 
आज भारत देश की पहचान पूरे विश्व में है हिंदी लिखने के लिए प्रयुक्त देवनागरी लिपि अत्यंत विज्ञानिक है।
 वहीं भारत के कुछ लोग हिंदी की विशेषता को नहीं समझते हैं और किसी दूसरी विदेशी भाषा को हिंदी से अच्छा विकल्प मानते हैं हमें दूसरी विदेशी भाषाएं जरूर सीखनी चाहिए पर हिंदी को हमें किसी भाषा से कम नहीं समझना चाहिए। हिंदी का साहित्य सभी दृष्टि से समृद्ध है। हिंदी का शब्दकोश बहुत विशाल है और एक-एक भाव को व्यक्त करने के लिए सैकड़ों शब्द हैं।

विश्व हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को बचाने का एक प्रयास भी है कहीं ऐसा ना हो जाए कि हिंदी केवल एक भाषा का इतिहास बन कर रह जाए और हमारी आने वाली पीढ़ियां केवल किताबों में ही हिंदी भाषा को जान पाए। 

विश्व हिंदी दिवस पर क्या क्या काम करना चाहिए। और कैसे मनाया जाना चाहिए:-

हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ाने के लिए हमें हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार करना चाहिए। 
अपनी हिंदी भाषा में काम को महत्व दें इसकी वजह यह है कि हिंदी भाषा लगातार फल फूल सकेगी। स्कूल, कॉलेजों और कार्यालयों में हिंदी में संवाद और लिखित कार्य को जरूरी बना दिया जाए तभी हिंदी को बचाया जा सकता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए। हिंदी भाषा हमारा अभिमान है देश की पहचान है और विश्व हिंदी दिवस हमारे लिए एक विशेष दिन है।

By Abhishek Kumar, Sonipat Haryana

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