उड़ान भरना चाह रही थी कि फेक दिया मुझ पर तेज़ाब खड़ी हो ही रही थी , कि मिटा दिया मेरी पहचान जला दिया मेरे चेहरे को और मिटा दिया मेरे सपनो को घूट रहा है ,दम मेरा अपने चेहरे को देखकर जब देखा दर्पण में अपने आप को नहीं छुपा पाई खुद को दर्द हो रहा है ,अपने चेहरे को देखकर मैं दूंगी दर्द तुम्हे भी मेरे सीने में जल रही है,आग अब उसी आग में जलना होगा तुम्हे भी हमेशा के लिए अब भरने ही वाली हूं ,नई उड़ान।
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