हमारे पैदा होने के पहले से हमें जानती है
वो हमारे कदमों की आहट को पहचानती है
वो हमारे हर दिन को खूबसूरत बनाती है
वो शायद इसलिए खुद का भेजा फरिश्ता है
वो… खुद हो भूखी, फिर भी हमारा पेट भरती है
वो सह कर सारे दुख हमें हर सुख देती है
वो अपनी नींद छोड़ हमारे लिए कितनी रातें जागती है
वो शायद इसलिए हमारी जिंदगी में खुदा का किरदार निभाती है
वो… खुद को भूल सिर्फ हमारे लिए जीती है
वो अपना सब कुछ छोड़ हमें अपना सब कुछ मानती है
वो थक कर भी हमारा हर काम करती है
वो शायद इसलिए खुद का भेजा फरिश्ता है
वो… हर रोज़ सपने का पीछा करना सिखाती है
वो गिर कर फिर उठने का पाठ पढ़ाती है
वो हारे तो एक नई हिम्मत देती है
वो शायद इसलिए हमारी जिंदगी में खुदा का किरदार निभाती है
वो… सातों दिन, बारह महीना काम करती है
वो बिना छुट्टी के हर दिन मेहनत करती है
वो हर रोज़ ना जाने हमारे कितने नखरें उठाती है
वो शायद इसलिए खुदा का फरिश्ता है
वो… इसलिए, रहने दो, छोड़ो न आप नहीं समझोगी
उसे छूना मत, आप खराब कर दोगी ये सब बोलना बंद करो क्योंकि,
माँ का जिंदगी में होना खुशी का पल होता है
कितनों का तो माँ के साथ होना ही एक ख्वाब होता है…
आखिर, खुद में से किसी को जिंदगी देना आसान नहीं होता
यूँ ही “माँ” शब्द इतना महान नहीं होता
खुद दर्द सहकर मुस्कुराना आसान नहीं होता
यूँ ही कोई किसी की जान नहीं होता
कुछ भी कहो पर माँ होना आसान नहीं होता
क्योंकि यूँ ही कोई खुदा का फरिश्ता नहीं होता…
हर दिन उनसे कहो – आप हमारा जहान, हमारी जान हो!
आप इस धरती पर उस खुदा का वरदान हो!!
रचयिता:शुभी गुप्ता