हे ईश्वर चाहिए मुझे एक राह नई,
पाई है मैंने एक चाह नई.
चाहती हूँ दुनिया में कुछ करके दिखाना,
भूल न पाये जिससे मुझे ये जमाना.
माँ-बाप को सपने दिखाना चाहूँ,
नफ़रत भरे दिलो में प्यार जगाना चाहूँ.
मिटाना चाहूँ मै सबके दिल की बीरानी,
पर हाल जहाँ देखकर होती है मुझे हैरानी.
सोचती हूँ कैसा है ये घोटाला,
एक इंसान ने एक इंसान को मार डाला.
भ्रष्टाचार है कितना देखकर हूँ दंग,
लोकतंत्र के नियमों को सब कर रहे भंग.
नेताओं का हो गया है, शैतानी भेष,
कौन बचाएगा भारत का परिवेष.
अमीर जा रहे महंगे-महंगे कोट सिलवाने को,
गरीब बेचारा तरस रहा दाने-दाने को.
चाहती हूँ बनाना भारत की नईं तस्वीर,
बदलना चाहती हूँ भारत की नई तकदीर.
मुझे इतनी ताकत देना है ईश्वर,
करू भारत पर सर्वस्व न्यौछावर!
By Lucky Shivhare, Jhansi
This Lucky Shivhare poem is very amazing👍👍👍👍👍… It is best ever for India and all over the world. Lucky belong from Jhansi.. Which is famous because of Rani Lakshmi Bai.. Lucky deserve first prize