एक बात हुआ करती थी , जब रात हुआ करती थी ।
दिन जल्दी – जल्दी डालता था , बस शब हुआ करती थी।
ना चैन था ना आराम था ,
बस दिल का ये पैगाम था।
देख जलक उस पगली की साँसों का ये फरमान था।
वो प्यारी सी लड़की सबकुछ हुआ करती थी ।
एक बात हुआ करती थी वो जब साथ हुआ करती थी।
हम कायल थे उस जादू के जो आँखे उसकी करती थी ।
हम पागल थे उन यादों में जिनमे वो हुआ करती थी।
बादाम सी उसकी आँखों जन्नत हुआ करती थी।
हम बोला जो करते थे वो बात हुआ करती थी ।
जो देखा हम करते थे वो ख़्वाब हुआ करती थी।
मांगी थी दुआ जो सजदे में वो पगली हुआ करती थी।
एक बात हुआ करती थी , वो जब पास हुआ करती थी।
एक छोटी सी उस गलती ने कर खत्म दिया था कहानी को अब तड़पा रही है राजा को तब रुला दिया था रानी। को।।
लेखक– सचिन कुमार, हरियाणाा
Sachin Kumar, a B.Sc Final Year student from Panipat, Haryana.He is a participant of Quaterly Creative Writing Competition (OCT_DEC, 2019)
Osm
Beautiful
Good love Story📖📖📖
Drling
Thanks brother
Awesome👏✊👍