स्वागत सश्रद्ध सर्वोत्तम सावन
प्रवाहित पुलकित पवन पावन
कुहू-कुहू कोयल गीत सुनाती
रोम-रोम रंग रस रुचिर बहाती
धन्य हुई धरा धर धानी धारण
स्वागत सश्रद्ध सर्वोत्तम सावन
प्रमुदित पुण्य प्राकृतिक यौवन
लय लसित लावण्यमय लोचन
झूला झूल-झूल रही हैं सखियाँ
पिया प्रीत में पुलकित अँखियाँ
रिमझिम बौछार करे आह्वाहन
स्वागत सश्रद्ध सर्वोत्तम सावन
इंद्रधनुष स्वर्णिम वर्ण सुहावन
अनन्त अम्बर मंजुल मनभावन
कल कल करती शीतल सरिता
स्वरित सावन की सुंदर शब्दिता
रचाते रास राधा-कृष्ण बृंदावन
स्वागत सश्रद्ध सर्वोत्तम सावन
निकला विष हुआ जब मंथन
शिव ने किया कंठ अवलम्बन
विषताप चढ़ गया गौरीश पर
शीत चन्द्र रख दिया शीश पर
सावन वृष्टि से हुआ तरल तन
स्वागत सश्रद्ध सर्वोत्तम सावन।
प्रमोद बड़थ्वाल
“डॉ0 पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल जन्म स्थली पाली”
पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखंड)