मेरी गलती

0
1198
Rate this post

मुझे अब कॉफी अफ़सोस है, कि मैंनें पहले ये कदम क्यों नहीं उठाया अगर मैं पहले लड़ लेती तो शायद मेरी जिंदगी ही कुछ और होती .

कॉफी साल से मेरा पति मुझको मारता है पीटता है पर मैं चुप हूं क्योंकि मैं इसे अपना धर्म समझती हूँ . 

मैं कॉफी सहन करती हूं, पर सहन करने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है क्योंकि मैं किसी की बीवी हूं और किसी की मॉ और अगर मैंने सहन नहीं किया तो मेरे बच्चों का भविष्य खतरे में आ सकता है क्या पता उनको अपनी जान से हाथ धोना पड़े. और दूसरा कारण सहन करने का है समाज. मैं समाज से कैसे लड़ सकती हूं. मैं जिस तरह सहन कर रही हूं उसी तरह कितनी सारी औरतें सहन करती है .

मेरा पति हैवान का ही एक रूप है ,पर ये बात हमारे बच्चों को नहीं पता, बच्चे अपने पापा की बहुत इज्जत करते हैं और वो अपने पापा को दुनिया का सबसे अच्छा पापा मानते है, मेरे बच्चों का उनके पापा के लिए प्यार इज्जत देखकर मुझे लगता है जो मेरे साथ हो रहा है मुझे वो चुपचाप सहना ही होगा किसी और के लिए नहीं तो अपने बच्चों के लिए ही. क्योंकि मैं नहीं चाहती की मेरे बच्चे अपने पापा का हैवान रूप देखे और अगर ऐसा हुआ तो मेरे बच्चे टूट जाएगे और मैं ऐसा कभी नहीं होने दु़ंगी .

मेरे बच्चे हमेशा मुझ से पूछते है कि मॉ आपके हाथ पर ये निशान कैसा आप हर समय अपने हाथों पर पटी बांधकर क्यों रखती हो पर मैं हर सवाल का कोई झूठा जवाब दे देती कि मेरे हाथ में दर्द रहता है पर जल्दी ठीक हो जाएगा तुम्हारे पापा मेरे लिए दवाई ला रखे हैं उससे मुझे कॉफी आराम मिलता है और तुम लोगों को इतनी मामूली सी चीज़ के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है.

 मैं हर बार ऐसे ही कुछ बहाने बना देती पर एक दिन मेरी मॉ मेरे घर आई हुई थी. मॉ ने मेरी चोट देखी और वो समझ गई कि मुझे मेरा पति मारता है फिर मॉ ने ऐसा कुछ बोला जिसे सुनकर मैं लड़ने की हिम्मत ही खो चुकी थी. मेरी मॉ ने बोला बेटी ये तो हर औरत के साथ होता है और गॉव की औरतों के साथ तो सबसे ज्यादा होता है. मुझे पता है तेरे साथ भी ये सब हो रहा है. और एक बात बताती हूं ये सब मैनें भी सहन किया है. और मेरे साथ तो आजतक ऐसा हो रहा है पर देख मैं कब से सहती आ रही हूं और देख बेटी तुझे भी हिम्मत रखनी होगी सहन करना होगा जिस तरह मै अब तक करती आ रही हूं. 

मेरी मॉ की ये बात सुनकर मैनें ये मान लिया की एक पति का धर्म है कि वो अपने गुस्से को अपनी पत्नी पर उतार सकता है और पत्नी का धर्म है कि चुपचाप जो चल रहा है उसे चलने दो क्योंकि हमारे पास इतनी हिम्मत नहीं की हम अपने पति से लड़ सके. 

ये सब सहते सहते मुझे आज दस साल हो गए पर मैं आज भी और आगे भी चुप रहूंगी. 

पर मुझे इसकी बिल्कुल खबर नहीं थी की आगे मेरी जिंदगी में क्या होने वाला है. 

मैं हर रोज की तरह अपने कमरे में चुपचाप सो रखी थी आज मेरे पति ने कॉफी शराब पी रखी थी और बच्चे अपने कमरे में सो रखे थे मैनें इनसे बोला की आप थोड़ा धीरे बोलो वरना बच्चे उठ जाएगे. 

उन्होंने मुझे पहले कॉफी मारा फिर मुझसे बोला कि मैं तुझे इसलिए मारता हूं क्योंकि मुझे तू पंसद नहीं मेरी पसंद कोई और है और अब मैं उसे अपनी जिंदगी में लाना चाहता हूं .मैनें उनके पैर पड़े की मेरे साथ ऐसा मत कीजिए मेरे लिए आप ही सब कुछ हो और आप ही रहोगे आपको जितना गुस्सा उतारना है मुझ पर निकाल दीजिए .

अगले दिन मेरे घर पर मेरे पति के साथ एक लड़की आई और वो लड़की वो थी जो मेरी जगह लेना चाहती थी .मेरे बच्चों को इसके बारे में कुछ पता नहीं था. 

मेरे बच्चे रात में अपनी मौसी के घर चले गए थे. फिर वो लड़की ने मुझे कॉफी समझाया की इसकी जिंदगी से चली जाओ पर मैंने कहॉ मेरी जिंदगी इन्हीं के साथ लिखी है. फिर मेरे पति ने मेरे को बहुत मारा और फिर उस लड़की ने मेरा मुंह जोर से तकिए से दबा दिया मेरी सांसे धीमी हो गई, और फिर मेरी सॉसो ने मुझे अलविदा कह दिया. जब अगले दिन मेरे बच्चे घर आए तो उनको ये बताया की तुम्हारी मॉ ने अपनी नस काट ली और हमको छोड़ के चली गई. मेरे बच्चों की आंखों से आंसू आ गए मेरे बच्चे समझ नहीं पाए कि उनकी मॉ ने आत्महत्या क्यों की और कोई पुलिस जॉच भी नहीं हो पाई क्योंकि मेरे पति ने मेरी मौत को आत्महत्या का नाम दे दिया और कॉफी सारे झूठ बोलके हर किसी को समझा दिया. 

मेरे बच्चे मुझे हर वक्त याद करते है और ये ही सोचते है की हमारी मॉ को ऐसा क्या दुख था जो उन्होंने आत्महत्या कर ली मैं अपने बच्चो को हमेशा देखती और ये सोचती काश मैंने अपने लिए लड़ लिया होता बता दिया होता कि मैं क्या सहन कर रही हूं आज मेरे बच्चों की ये हालत मेरी वजह से है. 

पर अब क्या फायदा मैं अब एक आत्मा हूं जिसको अपने बच्चों की जिंदगी बनानी है. मेरे को भी मुक्ती नहीं मिल पा रही है और न ही मेरे बच्चों के चहरों पर मुस्कान आई है, मैं अब कुछ नहीं कर पा रही हूं. 

मैनें आत्मा बनने के बाद भगवान से ये विनती करी की आप मेरे बच्चों के चहरे पर दुबारा से वही मुस्कान ला दीजिए, भगवान बोले तुम्हारे बच्चों की मुस्कान तुम हो, तुम हो उनकी सारी खुशियां और जो तुमने सहा है न वो तुम्हारा धर्म नहीं था अगर तुम लड़ने के लिए तैयार होती तो तुम्हारी जीत होती और आज जो हालत तुम्हारे बच्चों की है उसमें तुम्हारा बहुत बड़ा हाथ है. तुम्हारा पति तो गलत है ही पर तुमने गलत सह कर उसको बढ़ावा दिया है. तुम लड़ सकती थी पर लड़ी नहीं. पर न्याय होगा पर तुम्हारी बच्चों की खुशी हमेशा से तुम ही रहोगी. 

मैंने मरने के बाद सीखा की अगर गलत सहते रहोगे तो तुम गलत को बढावा दे रहे हो. मैं अब सिर्फ एक ही प्रथाना करती हूं की अगर कोई औरत ऐसा कुछ सह रही है तो उसे समझ आए की इससे मेरा ही जिंदगी भर का नुकसान है .और अपने साथ हो रहे गलत से लड़ना हर औरत का धर्म है हर औरत का नहीं बल्कि जिसके भी साथ ऐसा कुछ चल रहा है तो उसे लड़ना होगा… ….

By Bhumika Joshi

SOURCEBhumika Joshi
Previous articleसावन का शुभागमन
Next articleरहस्यमय जंगल – एक कहानी
Avatar
''मन ओ मौसुमी', यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए, भावनाओं को व्यक्त करने और अनुभव करने का एक मंच है। जहाँ तक यह, अन्य भावनाओं को नुकसान नहीं पहुँचा रहा है, इस मंच में योगदान देने के लिए सभी का स्वागत है। आइए "शब्द" साझा करके दुनिया को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाएं।हम उन सभी का स्वागत करते हैं जो लिखना, पढ़ना पसंद करते हैं। हमें सम्पर्क करें monomousumi@gmail.com या कॉल / व्हाट्सएप करे 9869807603 पे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here